
नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए कहा है कि दूर द्रष्टा विचारक और महान समाज सुधारक थे। वेंकैया नायडू ने रविवार को स्वामी विवेकानंद की 119वीं पुण्यतिथि पर जारी एक संदेश में कहा कि वह एक समर्पित राष्ट्रवादी, दूरदर्शी विचारक, प्रखर वक्ता और असाधारण बौद्धिक क्षमता के स्वामी थे।
वेंकैया नायडू ने कहा, “आधुनिक विश्व के मूर्धन्य आध्यात्मिक गुरु और भारत के युवा पुरुषार्थ की प्रेरणा, स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उनकी पावन स्मृति को सादर प्रणाम करता हूं।” उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वैश्विक बंधुत्व और शांति के लिए प्रयास किये। वह हिन्दू धर्म के महान प्रचारक थे।
उन्होंने भारत की महान संस्कृति और सभ्यता की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुख्य भूमिका निभाई। वेंकैया नायडू ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनकी शिक्षायें सभी को प्रेरित करती हैं। उन्होंने अपने संदेश में स्वामी विवेकानंद की उक्ति, “खुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है” का भी उल्लेख किया।
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