
अशाेक यादव, लखनऊ। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को बुधवार को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार एवं कचादार की सीबीआई से ‘निष्पक्ष एवं पारदर्शी’ जांच कराने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने हालांकि परमबीर सिंह को अपनी शिकायत को लेकर बंबई उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मामला ‘काफी गंभीर’ है लेकिन याचिकाकर्ता को बंबई उच्च न्यायालय जाना चाहिए।
परमबीर सिंह का पक्ष रखने के लिए अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह आज ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी सिंह ने अदालत से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाने के आदेश को भी रद्द करने का भी अनुरोध किया था।
उनका आरोप है कि यह आदेश ‘ मनमाना’ और ‘गैर कानूनी’ है। सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने पुलिस के लिए मुंबई में हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य तय किया था।
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