
राहुल यादव, लखनऊ/ बलिया। यूपी बोर्ड की परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार अपनी बिफलताओं पर पर्दा डालने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र के प्रतिनिधियो पर ठीकरा फोड़ रही है। जबकि सच को उजागर करने वाले पत्रकार ने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाया है उसका सम्मान होना चाहिए। अजीब विडंबना है कि पत्रकार ने पेपर लीक होने की सूचना विभागीय एवं जनपदीय अधिकारियों को दी, जो बोर्ड के नियमानुसार उचित एवं नियमसंगत है। फिर भी पत्रकारो को ही अभियुक्त बना देना निंदनीय एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की जुबान बन्द करना है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रामगोविन्द चौधरी ने बुधवार को प्रेस को जारी अपने बयान के माध्यम से कही। चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुंद करने की फिराक में रही है। जब भी मौका मिला है ये लोग चौथे स्तंभ को दबाए हैं। ताकि इनकी नाकामियों की फेहरिस्त आमजन तक न पहुंच पाए। लेकिन इन्हें यह समझना चाहिए कि सरकारी डंडे से जब-जब लोकतंत्र को दबाने और इसकी जुबान और लेखनी को बंद कराने का प्रयास हुआ है लोकतांत्रिक ढांचा और इसकी जुबान और अधिक मजबूत हुई है। सपा नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी निर्दोष फसाये गए पत्रकारों को न्याय की मांग करती है।
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