
अशोक यादव, लखनऊ। कोविड-19 महामारी को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। जिसकी वजह से लोगों को सड़कों पर आने की इजाज़त नहीं है। किसी मेडिकल इमरजेंसी के हालात में ही सड़कों पर आ सकते हैं।
बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर लॉकडाउन तोड़ने के मामले सामने आए है। ऐसे मामलों में संपूर्ण लॉकडाउन के 18वें दिन शनिवार को लॉकडाउन तोड़ने पर यूपी में 14,342 एफआईआर दर्ज की गईं।
वहीं लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी और कालाबाजारी करने के मामलों में 368 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।
लॉकडाउन तोड़ने वाले वाहनों से 6 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। इससे पहले प्रदेश में 5422 बैरियर लगाकर 14.60 लाख वाहनों की चेकिंग कर 3.34 लाख वाहनों के चालान हुए और 20898 वाहन सीज़ किए गए।
एडीजी एलओ पीवी रामाशास्त्री के मुताबिक सभी जिलों के कप्तानों को लॉक डाउन तोड़ने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं इसके साथ ही कालाबाजारी करने वालों और जमाखोरों के खिलाफ भी सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं
कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान जहां एक तरफ फील्ड में पुलिस बेहतर परफॉर्म कर रही है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर पैनी नज़र रख कर कार्रवाई भी की जा रही है।
डीजीपी ऑफिस के सोशल मीडिया सेल के एसपी इमरान ने बताया कि उनकी टीम सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाली पोस्ट, आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी वाली पोस्ट, साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली पोस्ट पर तुरंत मुक़दमा दर्ज करवा रही है।
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