
लखनऊ, 23 मार्च। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार चुस्त और दुरुस्त हैं। इस वायरस से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन संबंधी घोषणा से दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों की रोजी-रोटी पर आए संकट के मद्देनजर सरकार ने भरण-पोषण भत्ता का आदेश जारी किया है।
चिन्हित लोगों इस भत्ते के तहत प्रतिमाह 1000 रुपये मिलेंगे। श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देने संबंधि कार्रवाई के लिए श्रम विभाग और अन्य श्रेणी के दिहाड़ी मजदूरों तो नकद भुगतान देने के लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर राजस्व विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। अंत्योदय, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों समेत करीब एक करोड़ 65 लाख 31 हजार जरूरतमंदों को 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से नि:शुल्क देने की घोषणा की है।
इसपर 94.50 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। वृद्धावस्था, दिव्यांगजन व निराश्रित विधवाओं को भरण-पोषण पेंशन तिमाही आधार पर मिलती है। इन्हें दो माह की अग्रिम पेंशन अप्रैल में ही देने के आदेश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त एवं वित्त आयुक्त संजीव मित्तल की ओर से इस संबंध में विस्तृत शासनादेश जारी किया गया है।
उन्होंने साफ कहा है कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता देने संबंधी कार्रवाई लेबर सेस के बजट से श्रम विभाग करेगा।
इसके इलावा अन्य मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता राजस्व विभाग को उबलब्ध कराए जाने वाले बजट से किया जाएगा। जिलाधिकारी पूरी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
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