
अशाेेेक यादव, लखनऊ। कोविड-19 के प्रभाव के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन के तीसरे फेज में केंद्र सरकार ने कई रियायतें दी हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ खंडपीठ से भी राहत देने वाली खबर सामने आई है।
हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने दो शिफ्ट में कार्य करने का निर्णय लिया है। जिसमें क्रिमिनल व सिविल कार्य अलग-अलग निष्पादित किए जाएंगे।रजिस्ट्रार जनरल अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम ने बताया कि पहली शिफ्ट सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक चलेगी।
दूसरी शिफ्ट 01:30 से साढ़े तीन बजे तक चलेगी। इस दौरान सभी को कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करना होगा। जिसमें सामाजिक दूरी बनाकर रखना एवं मास्क पहनना अनिवार्य होगा। अदालतों के कामकाज के अन्य तौर तरीकों को चीफ जस्टिस आगे निर्धारित करेंगे।
रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि यह व्यवस्था अगले आदेशों तक जारी रहेगी। इस दौरान नए मुकदमें मैनुअली के साथ इलेक्ट्रानिक माध्यम से दाखिल किए जा सकेंगे। मुकदमों के दाखिले के लिए अर्जेंट दरख्वास्त देने की जरूरत नहीं होगी।
वहीं, लखनऊ खंडपीठ के सीनियर रजिस्ट्रार ने अलग से नोटिस जारी की है। कहा है कि, कोर्ट से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
बताते चलें कि प्रथम चरण के लाकडाउन के बाद हाई कोर्ट भी बंद कर दी गयी थी। बाद में व्यवस्था बनाते हुए अर्जेंट मामलों की सुनवायी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रारम्भ की गयी थी। अवध बार असोसिएशन ने 3 मई को अध्यक्ष एचजीएस परिहार की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित किया था कि सख्त शर्तों के साथ हाईकोर्ट को खोला जाना आवश्यक है।
महासचिव शरद पाठक ने बताया कि प्रस्ताव की प्रति चीफ जस्टिस को प्रेषित कर उनसे अनुरोध किया गया था कि वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सुनवायी सुगम नहीं हो पा रही है। अतः न्याय हित में पूर्व की भांति प्रतिबंधों के साथ सुनवायी प्रारम्भ की जाए। इलाहाबाद की प्रशासनिक समिति की इस संबध में सोमवार को एक बैठक हुई। जिसमें सख्त प्रतिबंधों के साथ कोर्ट को खेालने का निर्णय लिया गया।
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