
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिल्पकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अवध शिल्पग्राम में यूपी की संस्कृति और विरासत को समेटे हुनर हाट में एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश के सुनहरी साड़ी दमक रही है वहीं हाथरस की हींग अपनी खुशबू से सबका ध्यान खींच रही है।
बनारस का सिल्क हो या लखनऊ की चिकनकारी, एटा के घुंघरूं हो या पीलीभीत की बांसुरी, बरेली के झुमके हो या अलीगढ़ के ताले… अनेकता में एकता की झलक लिए हुनर हाट से अवध की शाम में चार चांद लगे हैं।
नवाबों की नगरी लखनऊ में ‘वोकल फॉर लोकल’ की थीम पर आयोजित होने वाले ‘हुनर हाट’ में 75 जिलों के बेहतरीन कारीगर और शिल्पकार अपने हुनर से सभी का दिल जीत रहे हैं। इसका ही परिणाम है कि महज 12 दिनों में ओडीओडीपी स्टॉलों पर लगभग एक करोड़ 80 लाख से अधिक की बिक्री हो चुकी है।
हुनर हाट के जरिए प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के 500 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को कोरोना काल के बाद भी उचित मंच देकर योगी सरकार ने उनके चेहरों पर बिक्री की चमक बिखेरी है।
ओडीओपी योजना दूसरे प्रदेशों के कारीगरों को लुभा रही है। हुनर हाट में तमिलनाडु से आई महिला कारीगर टी इंदिरा ने कहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश में स्टॉल लगाया है। योगी सरकार की स्वर्णिम नीतियों ने यहां के कारीगरों को उचित मंच देकर उनके व्यापार को बढ़ावा दिया है। हुनर हाट में हम लोगों के उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है।
झारखंड से आए अशफाक ने बताया कि हैंडलूम के मामले में यूपी नंबर वन है यहां की सरकार कारीगरों को बढ़ावा दे रही है। इसका ही परिणाम है कि उनके उत्पाद सरकार द्वारा दूसरे देशों में अब दोगुनी रफ्तार से निर्यात हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि यूपी हुनर हाट में हम लोगों को मौका मिला। वेस्ट बंगाल की नसीरा खातून ने बताया कि दूसरे प्रदेशों के कारीगरों को योगी सरकार मौका दे रही है। जिससे कोरोना काल के बाद हम जैसे लोगों को सबल मिला है।
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