
अशाेक यादव, लखनऊ। राजधानी की कमिश्नरेट पुलिस को पूर्व सांसद व माफिया धनंजय सिंह खोजे नहीं मिल रहा है। यह हाल तब जब लखनऊ पुलिस उसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम और कोर्ट उसे भगौड़ा घोषित कर चुका है। यूं तो पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए उसके ठिकानों पर कई बाद छापेमारी की, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई। ऐसे में अब आम हो या खास सभी लखनऊ पुलिस की धनंजय के ऊपर मेहरबानी की चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि 5 जनवरी को विभूतिखंड के कठौता इलाके में हुए मऊ के ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय साजिशकर्ता हैं। उनके ऊपर शूटरों की मदद और घायल शूटर का इलाज कराने का भी आरोप है। भगौड़ा रहते हुए ही आरोपी ने जौनपुर जिले से अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव तक जितवा लिया, क्षेत्र में घूमघूमकर वोट भी मांगे, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं सकी। लखनऊ पुलिस ने इस मामले में 20 फरवरी को धनंजय के खिलाफ वारंट जारी किया था।
जिसके बाद उसने 5 मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया और एक दूसरे मामले में जेल चला गया। 31 मार्च को जेल से बाहर आने के बाद से ही धनंजय अभी तक फरार चल रहे है। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरार अभियुक्त पर इनाम घोषित है। उन्हें कोर्ट ने भी भगौड़ा घोषित किया है। जल्दी ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मामले की विवेचना भी अब थानाध्यक्ष विभूतिखंड की जगह थानाध्यक्ष गाजीपुर द्वारा पूरी की जाएगी।
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