राहुल यादव, लखनऊ । रेहड़ी पटरी वालों के लिए प्रतिमाह एक हजार की सहायता राशि अत्यंत कम है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल हीरालाल यादव ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की घोषित
रेहड़ी पटरी वालों के लिए प्रतिमाह एक हजार की सहायता राशि अत्यंत कम है। इसे बढ़ाकर कम से कम छह हजार रूपये प्रति माह किया जाना चाहिए और सभी असंगठित मजदूरों को दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही दस किलो मुफ्त राशन प्रति व्यक्ति सभी जरूरतमंदों को दिया जाना चाहिए चाहे वे राशनकार्ड धारक हों या न हों।
कोरोना काल में गरीबों को जिंदा रखने के लिए कम से कम इतनी सहायता आवश्यक है। लाशों को नदियों में बहाने अथवा उसके किनारे दफन करने पर योगी सरकार ने रोक लगा दी है और पुलिस का पहरा बैठा दिया है। ऐसे परिवार जो कोरोना इलाज और बेरोजगारी से टूट चुके हैं उनके पास नियमानुसार दाह संस्कार के पैसे नहीं रह गये हैं। प्रदेश सरकार ने गांव सभाओं के माध्यम से 5000 रूपये की सहायता की
घोषणा की है, हकीकत है कि अब तक गांव प्रधान का शपथ ग्रहण ही नहीं कराया गया है, फिर यह कैसे संभव होगा। सरकार ऐसे परिवारों को दाह संस्कार के लिए कम से कम दस हजार रूपये की सहायता उपलब्ध करायें और शीघ्राति शीघ्र ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण करायें।
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कोरोना महामारी से बदहाल हुई प्रदेश की जनता पर रेगुलेटरी सरचार्ज लगाकर बिजली दरों में वृद्धि की कोशिश का तीव्र विरोध करते हुए माकपा सचिव मण्डल ने हर हालत में इसे रोके जाने की और गांवों में महामारी से मुकाबले के लिए जागरूकता के लिए सर्वदलीय समितियों का जिला व गांव स्तर पर गठन करने तथा सभी पीएचसी अस्पतालों पर कोरोना इलाज की सुविधा देने की मांग की है।
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