
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के अंग्रेजी विषय के प्रश्नपत्र के कुछ अंशों को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर सोमवार को निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह युवाओं की नैतिक शक्ति तथा भविष्य को कुचलने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी की साजिश है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सीबीएसई के ज्यादातर प्रश्नपत्र अब तक बहुत कठिन रहे हैं और अंग्रेजी के प्रश्नपत्र में गद्यांश पूरी तरह खराब है। यह युवाओं की नैतिक शक्ति और भविष्य को कुचलने का आरएसएस-भाजपा का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि ‘बच्चों, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो। कड़ी मेहनत का फल मिलता है। कट्टरता से कुछ हासिल नहीं होता। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी यह विषय सोमवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं कक्षा के अंग्रेजी के प्रश्नपत्र के अंशों में ‘लैंगिक रूढ़िवादिता’ को कथित तौर पर बढ़ावा दिए जाने और ”प्रतिगामी धारणाओं” का समर्थन करने संबंधी आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इसके चलते बोर्ड ने रविवार को इस मामले को विषय के विशेषज्ञों के पास भेज दिया।
गत शनिवार को आयोजित 10वीं की परीक्षा में प्रश्नपत्र में कथित तौर पर ‘महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया’ और ‘अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है’ जैसे वाक्यों के उपयोग को लेकर आपत्ति जतायी गई है।
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