
अशाेेेक यादव, लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा सरकारों द्वारा कांग्रेस द्वारा बुक की गई ट्रेनो को परमिशन न देने पर कड़ा एतराज जताते हुये कहा है, कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लगभग दस लाख मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं।
भाजपा सरकार ने मजदूरों को मुफ्त में वापस पहुंचाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन हकीकत ये है, कि भाजपा और उससे संबंधित बिचैलिए मजदूरो से तय किराया से ज्यादा वसूल रहे है।
काँग्रेस द्वारा मजदूरों की लिए कई ट्रेनें चलाई जा रही है। जिससे मजदूर सकुशल अपने घर वापस आ जाये। लेकिन दुख की बात है, कि राजनीतिक साजिशों के चलते ट्रेनों को परमीशन नही दी जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष कहा कि सूरत में अभी तक गुजरात कांग्रेस ने 12 ट्रेनें बुक की थी। लेकिन कलेक्टर फाइल दबा कर बैठ गए हैं। और ट्रेनों को उत्तर प्रदेश जाने नहीं दे रहे है।
प्रदेश के 19200 श्रमिक फंसे हुए हैं। सूरत से अमेठी,सुल्तानपुर, अयोध्या, फैजाबाद, गोण्डा, फैजाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज बलिया के लिए ट्रेन बुक की गई थी।
सूरत के डीएम ने कहा है यदि उत्तर प्रदेश सरकार इन ट्रेनों को अपने राज्य में आने की परमीशन दे तो ट्रेन भेज देंगे। आखिर उत्तर प्रदेश सरकार को मजदूरों से इतनी एलर्जी क्यों है?
क्या मजदूरों को सड़कों पर भूखे पैसे चलते हुए और रोड दुर्घटना में मरते हुए देखना चाहते हैं? इसके पहले भी उत्तर प्रदेश कांग्रेश द्वारा योगी सरकार से प्रदेश में फंसे हुए मजदूरों का विवरण मांगा थ।
अभी तक कई पत्र लिखें लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं मिला है आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मजदूरों से इतनी दुश्मनी क्यों करते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सूरत के अलावा गुजरात के वलसाड से 6 और भरूच से 5 ट्रेनों को परमीशन नही दे रही है।
वहीं राजस्थान से काँग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी 13 ट्रेन से बलिया, गोरखपुर, फतेहपुर, जौनपुर, सहारनपुर, गाजीपुर, कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर के हजारों श्रमिक घर वापस आये है। जिससे कांग्रेस उन मजदूरो को घर वापस पहुंचाने में मदद कर सके।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat