
अशाेेेक यादव, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना भयावह हो गया है, सूबे में कोरोना का रिकार्ड लगातार टूट रहा है।हालात ये है कि कोरोना मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इसी देरी की वजह से एक मरीज की मौत हो गई।
मामले ने जब तूल पकड़ा तो एसीएमओ व ट्रांसपोर्ट इंचार्ज को हटा दिया गया है। उन्हें सभी कार्यों से विरक्त कर दिया गया है। वहीं एसीएमओ डॉ. एपी सिंह को ट्रांसपोर्ट इंचार्ज की जिम्मेदारी दी गई है। उनके सहयोग में सतीश को लगाया गया है। इसके साथ ही इस संबन्ध में एंबुलेंस कंपनी जीवीकेईएमआरआइ को नोटिस भी जारी किया गया है।
दरअसल, बालागंज के नेवाजगंज निवासी ओम कुमारी (55) को गुरुवार सुबह 11 बजे कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मिली। ऐसे में पुत्र आशीष, आदर्श ने कोविड कंट्रोल रूम फोन किया। मां ओमकुमारी को डायबिटीज एवं हालत गंभीर का हवाला दिया।
कंट्रोल रूम में सुबह से शाम तक कई फोन किए गए। हर बार एंबुलेंस भेजने का आश्वासन देकर मामले को अनसुना कर दिया गया। ऐसे में इंसुलिन सपोर्ट पर ओमकुमारी की हालत पहले से और खराब होने लगी।
मजबूृरन आशीष ने निजी अस्पताल से किराए पर ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर मां ओमकुमारी को लगाया। रात में ही तकरीबन 10.25 बजे ओमकुमारी ने दम तोड़ दिया। पति कृष्णकुमार के मुताबिक मरीज की मौत के बाद बालगांज चौराहे पर एंबुलेंस पहुंची थी। फोन कर चौराहे पर आने को कहा। साथ ही कागजों पर दस्तखत करने का दबाव बनाया।
सीएमओ डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि मरीज को समय पर एंबुलेंस न मिलने पर सेवा प्रदाता कंपनी जीवीकेईएमआरआइ को नोटिस जारी की गई है। जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं ट्रांसपोर्ट इंचार्ज एवं एसीएमओ डॉ. सईद अहमद को हटा दिया गया है। उन्हें सभी कार्यों से विरक्त कर दिया गया है। एसीएमओ डॉ. एपी सिंह को ट्रांसपोर्ट इंचार्ज की जिम्मेदारी दी गई है। उनके सहयोग में सतीश को लगाया गया है।
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