लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उ0प्र0 राज्य कमेटी की सम्पन्न दो दिवसीय बैठक के पश्चात एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा गया कि योगी और मोदी की सरकारों ने किसानों पर चौतरफा हमला बोल दिया है। पशु व्यापार पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक के कारण किसानों की सारी फसलें आवारा पशुओं द्वारा बर्बाद की जा रही हैं। यह बर्बादी किसानों के लिए असहनीय रूप से दर्दनाक है। आवारा पशुओं की बढ़ती तादाद से शहरों और सड़कों पर भी बुरा असर पड़ने लगा है। किसानों का गुस्सा गाय बैल और अन्य जानवरों को हांक कर तहसीलों, स्कूलों आदि में बंद कर दिये जाने के रूप में दिख रहा है। हाईकोर्ट तक को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को निर्देशित करना पड़ा कि वह गांव स्तर पर गोशालायें बनवाकर आवारा पशुओं से किसानों की फसलों की सुरक्षा करे और नगर पंचायत, नगर पालिका तथा महापालिका के स्तर पर स्लाटर हाउस खोले।
प्रतिवर्ष पूरे देश में 1 करोड़ से ज्यादा पालतू गाय व बैल अनुपयोगी हो जाते हैं। जिनके रखरखाव पर प्रतिदिन लगभग 40 करोड़ खर्च करने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अफरा-तफरी में किसानों को राहत देने के बजाय उन पर दोहरा हमला कर रही है। उसने गांव पंचायतों को गोशाला बनाने की जिम्मेदारी देने का आदेश दे दिया है। यही नहीं गांवों में धारा 144 लगाकर पशु छोड़ने वाले किसानों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के अन्तर्गत दंडात्मक कार्यवाही तथा जुर्माना लगाने की धमकियां भी दी जा रही हैं।
सरकार ने पशु रक्षा के नाम पर मंडी शुल्क बढ़ा दिया है तथा अनेक तरह के सेस लगाये हैं। सार्वजनिक कंपनियों के मुनाफे पर तो सेस लगाया गया है किन्तु निजी कंपनियों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उ0प्र0 राज्य कमेटी ने फैसला लिया है कि 5 फरवरी से 10 फरवरी तक आवारा पशुओं से किसानों की फसलों की रक्षा तथा योगी और मोदी सरकार की किसान विरोधी रवैये के खिलाफ सभी तहसीलों और ब्लाकों पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। राज्य कमेटी ने मांग की है कि पशु व्यापार रोक तत्काल हटायी जाय और किसानों पर सरकार द्वारा उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को तुरन्त रोका जाय। सरकार खुद के कोष से गोशालाओं का निर्माण करे।
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