
अशाेक यादव, लखनऊ। जुलूस एवं धरना प्रदर्शन के दौरान निजी तथा सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना वसूली के प्रावधान वाला लोक एवं निजी सम्पत्ति विरूपण निवारण विधेयक मंगलवार को राज्य विधान परिषद में भी पारित घोषित कर दिया गया।
भोजनावकाश के बाद सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह के सभापतित्व में शुरू हुई कार्यवाही के दौरान उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति विरूपण निवारण विधेयक और उत्तर प्रदेश गुण्डा नियन्त्रण (संशोधन) विधेयक को सदन के पटल पर रखा गया।
सभापति ने इनमें से उत्तर प्रदेश गुण्डा नियन्त्रण (संशोधन) विधेयक को प्रवर समिति के पास भेज दिया जबकि लोक एवं निजी सम्पत्ति विरूपण निवारण विधेयक को ध्वनिमत से पारित घोषित कर दिया। इस विधेयक को विधानसभा में सोमवार को ही पारित कर दिया गया था।
सपा सदस्यों ने परिषद में विधेयक पारित कराये जाने के तरीके का विरोध किया और वे सदन के बीचोबीच आ गये। सभापति ने उन्हें अपने-अपने स्थान पर जाने को कहा, मगर हंगामा थमता न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिये स्थगित कर दी।
स्थगन अवधि गुजरने के बाद अधिष्ठाता सुरेश कुमार त्रिपाठी के सभापतित्व में कार्यवाही फिर शुरू हुई। मगर सपा सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। इस पर अधिष्ठाता ने सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक में किसी आंदोलन के दौरान राज्य की सम्पत्तियों को नष्ट करने, तोड़फोड़ करने, बसों को जलाने या किसी भी तरह की क्षति पहुंचाने के दोषी लोगों से जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है।
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