
अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं सूबे की सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां पहले चरण के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी नेता अमित शाह ने राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को साथ आने का न्योता दिया। तो वहीं दूसरी तरफ जंयत चौधरी ने अमित शाह के इस प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा कि ”मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊंगा। यह परीक्षा की घड़ी है। भाईचारा होगा तो सभी को फायदा होगा।”
जयंत चौधरी ने एक हिंदी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि वह मुझे ऑफर दे रहें, लेकिन जब लखीमपुर में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर कुचला गया था तब यह लोग कहां गए थे। आज यह लोग मुझसे उम्मीद कर रहे हैं। मैं कोई चवन्नी नहीं हूं, जो पलट जाऊंगा। यह मेरे मान सम्मान की बात है। हमें सतर्क रहना होगा। इसके साथ जंयत ने कहा कि हमारा समीकरण एक या दो जाति पर आधारित नहीं है। 36 जाति के लोग खेती करते हैं। आपको न्योता देना है तो मारे गए 700 किसानों के परिवार को दें।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कल बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों को साधने के लिए क्षेत्र के जाट नेताओं के साथ अहम बैठक की थी। बैठक में जाट समुदाय के करीब 250 से ज्यादा प्रबुद्ध वर्ग के लोग और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व रखने वाले नेताओं के अलावा भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान और सांसद सत्यपाल सिंह भी शामिल हुए।
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