नई दिल्ली: शराब कारोबारी विजय माल्या को स्पेशल प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग ऐक्ट कोर्ट ने आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद अब सरकार को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसके लिए स्पेशल कोर्ट में अर्जी लगाई थी। भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया। इस कानून में जांच एजेंसियों को एफईओए के तहत दर्ज अपराधी की सारी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार है। अब कर्नाटक, इंग्लैंड और अन्य जगहों की विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियां ईडी कुर्क कर सकता है। यही नहीं पीएमएलए कोर्ट ने विजय माल्या की अपील करने के लिए कुछ समय दिए जाने की मांग को भी खारिज कर दिया। बता दें कि विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट ने ब्रिटेन सरकार को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। नए अधिनियम के तहत जिसे आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है, उसकी सम्पत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाती है।
आर्थिक भगोड़ा वह होता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्द अपराधों के लिए गिरघ्फ्तारी का वारंट जारी किया गया होता है साथ ही ऐसा व्यक्ति भारत को छोड़ चुका है, ताकि यहां हो रही आपराधिक कार्रवाई से बच सके या वह विदेश में हो और इस कार्रवाई से बचने के लिए भारत आने से मना कर रहा है। इस अध्यादेश के तहत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के धोखाधड़ी, चेक अनादर और लोन डिफाल्ट के मामले आते हैं। भारी कर्ज में दबी एयरलाइंस किंगफिशर के मालिक विजय माल्या पर आरोप है कि वह कई बैकों से करीब 9,990 करोड़ रुपए का लोन लेकर फरार हैं। फिलहाल माल्या लंदन में हैं और उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया जा चुका है। माल्या पर वह केस भारत सरकार की तरफ से सीबीआई और ईडी ने ही किया था।
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