लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने तीन तलाक के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि अब केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसी संकीर्ण तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुप्त एजेण्डे की राजनीति किये बगैर न्यायालय के निर्देश पर समय सीमा के अंदर कानून बनाये।
मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत के फैसले से तीन तलाक को असंवैधानिक करार देकर इस पर पाबन्दी लगाते हुये केन्द्र सरकार से इस सम्बन्ध में छह महीने के भीतर कानून बनाने के लिये कहा है, जिसका समय से अनुपालन किया जाना चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अच्छा होता, अगर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड खुद ही पूरी तत्परता के साथ तीन तलाक के मामले में कार्यवाही करता। अदालत का मानना है कि इस बुराई की रोकथाम के लिये जितनी तत्परता से कार्रवाई की जानी चाहिये थी वह नहीं की गयी। इसी कारण अदालत को ऐसा हस्तक्षेप करना पड़ा है। इसका मुस्लिम महिलाओं के हित में स्वागत किया जाना चाहिये।
मायावती ने कहा कि देश में तीन तलाक के मामले में तथा इसकी आड़ में मुस्लिम महिलाओं का वर्षों से जो शोषण तथा उत्पीड़न हो रहा था, उसके मद्देनजर उच्चतम न्यायालय के फैसले का बसपा तहेदिल से स्वागत करती है।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat
