
पुणे। कोरेगांव-भीमा युद्ध के 204 वर्ष होने के अवसर पर हजारों की संख्या में लोगों ने शनिवार सुबह महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित जयस्तंभ स्मारक पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बार, कोविड-19 के मामले बढ़ने और संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग जुटे, जबकि इससे पहले 203वीं वर्षगांठ के मौके पर कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर बहुत कम संख्या में लोग जयस्तंभ पहुंचे थे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, समाज कल्याण मंत्री धनंजय मुंडे भी आज सुबह पेरने गांव के पास स्थित जयस्तंभ पहुंचे। पुलिस के एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों से जयस्तंभ आने से बचने की अपील की थी।
स्मारक के पास भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और कोविड-19 जांच आदि की व्यवस्था की गई है। पुणे जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 के तहत जारी एक आदेश के अनुसार स्मारक के आसपास के गांवों में बैनर आदि लगाना, ऐसी सामग्री पोस्ट करना जिससे अफवाह फैलने की आशंका हो, समुदायों के बीच घृणा पैदा हो सकती हो, आदि पर पाबंदी है।
यह आदेश 30 दिसंबर आधी रात से प्रभावी है जो दो जनवरी सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। गौरतलब है कि इस युद्ध के दो सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कोरेगांव-भीमा गांव के निकट हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का कहना था कि आयोजन के एक दिन पहले पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में ‘भड़काऊ’ भाषणों के कारण यह हिंसा हुई थी।
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