लखनऊ-भोपाल: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अध्यापकों की अधिकांश मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने पर दो दिन से जारी आमरण अनशन मंगलवार को खत्म हो गया. राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने मंगलवार शाम को एक बयान जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास और प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल से बल्लभ भवन में हुई वार्ता में मिले आश्वासन पर अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया गया.
जगदीश यादव ने बताया कि वार्ता के दौरान सहमति बनी है कि अध्यापकों को शिक्षा विभाग में संविलियन होने की स्थिति में प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ दिया जाएगा, नियमित कर्मचारियों के समान समस्त सुविधाएं प्राप्त होंगी. अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में सरलता की जाएगी, जिससे प्रदेश के हजारों अनुकंपा नियुक्ति के आश्रितों को अनुकंपा प्राप्त हो सकेगी. इसके बाद गुरुजियों की वरिष्ठता के मामले में मुख्यमंत्री ने गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया.
शिक्षा विभाग में संविलियन होने पर प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के नाम पर असहमति जताने पर मुख्यमंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को पदनाम को लेकर कुछ सुझाव दिए साथ ही कहा कि यदि अध्यापक संवर्ग ही नाम रखा जाए तो यह सबसे बेहतर होगा. मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद अनशनरत अध्यापकों ने शाहजहांनी पार्क में बैठक हुई और चर्चा के विषयों पर विचार-विमर्श करने के बाद आंदोलन और अनशन को समाप्त करने की घोषणा की.
अनशनरत अध्यापकों और सरकार के बीच वार्ता की मध्यस्थता विधायक मुरलीधर पाटीदार और भाजपा किसान मोर्चा उपाध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी ने की. राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने पूरे दिन अनशन मे सहयोग करने वाले शासकीय अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम और अध्यापक कांग्रेस के राकेश नायक का आभार जताया.
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