इस्लामाबाद/न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अब उनका देश भारत के साथ वार्ता करने का इच्छुक नहीं है क्योंकि वह शांति वार्ता की पेशकश कई बार ठुकरा चुका है. हालांकि, भारत ने इमरान खान के इस दावे को खारिज कर दिया. इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद भारत की आलोचना के लिये एक कदम आगे बढ़ते हुए खान ने समाचार पत्र से कहा कि उन्हें दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ने का डर है. इमरान खान ने कहा, ” उनसे (भारत से) बात करने का कोई मतलब नहीं है. मेरा मतलब है, मैंने हर तरह से बात कर ली.
दुर्भाग्यवश, अब मैं जब पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे लगता है कि मेरी ओर से शांति और संवाद के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों को उन्होंने तुष्टीकरण के रूप में लिया.” उन्होंने कहा, “हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.” वहीं, अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने खान के आरोपों को खारिज कर दिया. संपादकीय बोर्ड से मिलने गए थे. उन्होंने कहा, “हमारा अनुभव है कि हमने जब भी शांति की पहल की, यह हमारे लिये बुरी साबित हुई.” श्रृंगला ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सत्यापित कार्रवाई करेगा.” भारत ने जनवरी 2016 में पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के हमले के बाद से वार्ता रोक रखी है. भारत का कहना है कि वार्ता और आतंकवाद दोनों एक साथ नहीं चल सकते.
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