
अशाेक यादव, लखनऊ। देश में कोविड-19 की सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन का मूल्य शुरुआती कीमत के मुकाबले डेढ़ गुना तय करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शुरुआती कीमत एडवांस फंडिंग पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करने की जरूरत है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस सप्ताह की शुरुआत में वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के साथ किसी नए करार के लिए 400 रुपए प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपए प्रति खुराक तय की थी। एसआईआई एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का प्रोडक्शन करती है। वह इस समय केंद्र सरकार को 150 रुपए प्रति खुराक की दर से वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है।
एसआईआई ने कहा, भारत वैक्सीन की कीमत और वैश्विक कीमतों के बीच एक गलत तुलना की गई है। कोविशील्ड आज बाजार में उपलब्ध कोविड-19 की सबसे सस्ती वैक्सीन है। कंपनी ने कहा कि शुरुआती कीमत दुनिया भर में कम थी, क्योंकि यह उन देशों के एडवांस फंडिंग पर आधारित थी, जिसमें वैक्सीन निर्माण का जोखिम शामिल था। बयान में कहा गया, भारत सहित सभी सरकारी टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए कोविशील्ड की शुरुआती कीमत सबसे कम थी।
कंपनी ने आगे कहा, मौजूदा स्थिति एकदम अलग है, वायरस लगातार रूप बदल रहा है, जबकि जनता पर जोखिम बना हुआ है। अनिश्चितता की पहचान करते हुए, हमें स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी, क्योंकि हमें महामारी से लड़ने के लिए क्षमता विस्तार में निवेश करना है और लोगों की जान बचानी है। एसआईआई ने कहा कि वैक्सीन के थोड़े से हिस्से को निजी अस्पतालों को 600 रुपए प्रति खुराक की दर पर बेचा जाएगा और यह कीमत अभी भी कई दूसरे चिकित्सकीय उपचारों की तुलना में कम है।
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