
भुवनेश्वर। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारत में पहला ओलंपिक मूल्य शिक्षा कार्यक्रम (ओवीईपी) ओडिशा में शुरू किया, जिसमें ओलंपिक से जुड़े पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा प्रणाली में शामिल किया गया है ताकि बच्चे सक्रिय , स्वस्थ और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। कार्यक्रम को आधिकारिक तौर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा शुरू किया गया।
अपने पहले वर्ष में कार्यक्रम का लक्ष्य भुवनेश्वर और राउरकेला शहरों के 90 स्कूलों में नामांकित 32,000 बच्चों तक पहुंचना है। इसके बाद इसका प्रसार राज्य के लगभग 70 लाख स्कूली बच्चों तक होगा। पटनायक ने वर्चुअल कार्यक्रम में कहा ,‘‘ देश में ओलंपिक आंदोलन में यह नयी शुरूआत है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि स्कूली बच्चों के समग्र विकास में यह साझेदारी अहम योगदान देगी।
आईओसी के शिक्षा आयोग के प्रमुख मिाएला जावोरस्की ने कहा ,‘‘ ओलंपिक आंदोलन के समाज को सतत योगदान का अहम शिक्षा शिक्षा है। यह कार्यक्रम दुनिया में 2006 से लागू है।’’ स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल यह कार्यक्रम ओडिशा के स्कूल और जन शिक्षा विभाग और अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन ट्रस्ट ने मिलकर तैयार किया है। बिंद्रा ने ट्वीट किया ,‘‘ गौरवान्वति और हर्षित हूं कि भारत के 25 करोड़ से अधिक स्कूली बच्चों को मूल्यपरक शिक्षा को यथार्थ रूप देने की ओर पहला कदम रखा।
’’भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि ओडिशा इस अनूठी पहल से दूसरे राज्यों के लिये मिसाल बनेगा। आईओसी सदस्य नीता अंबानी ने कहा ,‘‘ दुनिया के बहुत चुनिंदा बच्चे ही ओलंपियन बनते हैं लेकिन अब ओलंपिक भावना से कोई अछूता नहीं रहेगा।’
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