
अशाेक यादव, लखनऊ। भारत ने पलक झपकते ही ड्रोन जैसे पायलट रहित यानों को मार गिराने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया। मिसाइल ने टेस्ट के दौरान टारगेट को सटीक तरीके से हिट किया। ओडिशा के आईटीआर चांदीपुर परीक्षण रेंज से दोपहर 3:50 बजे मिसाइल परीक्षण किया गया।
यह मिसाइल सिंगल स्टेज सॉलिड प्रोपलेंट रॉकेट मोटर से संचालित है। इसकी सभी प्रणालियां स्वदेश में निर्मित हैं। QRSAM में इस्तेमाल सभी उपकरण जैसे बैटरी मल्टीफंक्शन रडार, बैटरी सर्विलासं रडार, बैटरी कमांड पोस्ट व्हीकल और मोबाइल लांचर को भारत में ही तैयार किया गया है। यह सिस्टम इतना सक्षम है कि यह मूव करते हुए टारगेट को डिटेक्ट और ट्रैक कर सकता है।
मिसाइल लक्ष्य का पता लगने और उस पर नज़र रखने एवं ध्वस्त करने में सक्षम है। इस प्रणाली को भारतीय सेना की हमलावर टुकड़ी को हवाई रक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे एक स्तरीय ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर से दागा गया। उन्नत मिसाइल में सभी स्वदेशी उप प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया है।
इस मिसाइल को मोबाइल प्रक्षेपण का इस्तेमाल करके दागा जा सकता है। बयान में कहा गया है कि परीक्षण के लिए QRSAM हथियार प्रणाली के सभी तत्वों जैसे बैटरी, बहु कार्य रडार, बैटरी निगरानी रडार, बैटरी कमान पोस्ट यान और मोबाइल प्रक्षेपक को तैनात किया गया था। रडार ने दूर से ही लक्ष्य का पता लगा लिया और लक्ष्य के मारक सीमा में आने पर मिसाइल को दागा गया और इसने सीधे लक्ष्य पर प्रहार किया और उसे ध्वस्त कर दिया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की अलग-अलग प्रयोगशालाओं जैसे डीआरडीएल, आरसीआई, एलआरडीई, आरएंडडीई (ई), आईआरडीई और आईटीआर ने परीक्षण में भाग लिया। मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है और इसमें सक्रिय आरएफ सीकर, ”” इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्चुएशन ”” (ईएमए) प्रणाली लगी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, डीडी आर एंड डी के सचिव और डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
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