
राहुल यादव, लखनऊ। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जबसे सत्ता में आई है पर्यावरण को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है। वनसंपदा पर संकट के बादल मडरा रहे है और प्रकृृति का असंतुलन बढ़ता गया है। फलतः वातावरण में गर्मी बढ़ रही है, तमाम उपयोगी संसाधनों का अभाव हो रहा है तथा ऋतु चक्र में भी बदलाव परिलक्षित हो रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार हर वर्ष वृक्षारोपण अभियान चलाती है लेकिन आज तक इस बात का ब्यौरा नहीं दे पाई है कि कहां कितने वृक्ष, किस वर्ष उसके शासनकाल में लगे। इनमे कितने पौधे बचे? वस्तुतः भाजपा सरकार ने पेड़ों की आड़ में बजट का बंदरबांट जमकर किया है। उसका ताजा दावा इस वर्ष 30 करोड़ पेड़ लगाने का है। 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में नए-पुराने हिसाब से तो हर घर में जंगल उग आना चाहिए। झूठ और नफरत के पौधे लगाने वाले भाजपाई पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करते हैं और उन्होंने वृक्षारोपण को मजाक बना दिया है।
पर्यावरण संरक्षण के बारे में भाजपा जहां झूठे दावे करती आई है और फाइलो में पेड़ उगाती रही है वहीं समाजवादी सरकार में पर्यावरण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए थे। समाजवादी पार्टी के समय वृहद वृक्षारोपण का गिनीज बुक में विश्व रिकार्ड, बुंदेलखंड में जल संरक्षक तालाब एवं हरित पार्को का विकास किया गया। कार्बन उत्सर्जन तथा प्रदूषण से बचाव के लिए समाजवादी सरकार में साइकिल सवारी को विशेष प्रोत्साहन देने हेतु साइकिल ट्रैक बनवाए गए। सुरक्षित और सुगम यातायात के लिए करोड़ों रुपए से लखनऊ एवं उन्नाव-शुक्लागंज में बने साइकिल ट्रैक को भाजपा ने राजनीतिक द्वेष से बर्बाद कर दिया।
समाजवादी सरकार के समय ही एशिया का सबसे बड़ा पार्क जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवर फ्रंट, लोहिया पार्क बने जहां सुबह-शाम लोग खुली हवा में सांस लेते हैं और स्वास्थ्य लाभ करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए संकल्पित कदमों से प्रदेश का नाम देश-विदेश में ऊंचा हुआ। आज भाजपा राज में देश सांस लेने में भी संकट महसूस कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी चाहे जितने दावे करें नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश को सबसे नीचे पायदान में पहुंचा दिया है। उसकी रिपोर्ट भाजपा कुशासन पर स्याहपत्र है। जनता की निगाह में भाजपा की सभी करतूतें सामने आ चुकी हैं। उसके अस्तित्व के अब बस चार दिन ही बचे हैं।
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