
अशाेक यादव, लखनऊ। बढ़ता वायु प्रदूषण इन दिनों प्रदेश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। शाहजहांपुर जिले में पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब तीन गुना घटनाएं बढ़ीं हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने जिलाधिकारियों को इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पत्र जारी करते हुए लिखा है की सेटेलाइट इमेजरी से यह पता चला है अब तक प्रदेश के अलग अलग जिलों में बढ़े प्रदूषण से 2237 घटनाएं हो चुकी हैं।
शासन की यह प्राथमिकता है कि किसान बचे अवशेषों का प्रबंध करें, जिससे बढ़ती और हो रही घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके। जिन में जिलों में पराली जलाई जा रही है उन जिलों पर खास सतर्कता बरती जाए। मुख्य सचिव ने इसको ले कर सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने बताया है कि धान की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से करके अवशेष प्रबंधन के यंत्र मल्चर, स्ट्रा चापर, श्रेडर, सुपर सीडर आदि का प्रयोग करके अवशेष प्रबंधन करें।
पीलीभीत, मथुरा, लखीमपुरखीरी व बाराबंकी सहित कुल 23 जिलों में किसान अवशेष का प्रबंधन करने की जगह उसे जला रहे हैं। इसीलिए 2237 घटनाएं हो चुकी हैं। किसानों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। किसानों व जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए पराली जलाने से हो रहे पर्यावरण नुकसान से अवगत कराया जाए। इसके लिए ग्राम स्तरीय गोष्ठी, मुनादी, पोस्टर, वाल राइङ्क्षटग आदि कराया जाए।
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