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बंगलूरू में विमान हादसे में शहीद हुए पायलट सिद्धार्थ के परिजनों से मिलने देहरादून पहुंचीं रक्षा मंत्री

देहरादून / लखनऊ : बंगलूरू में विमान हादसे में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के परिवारजनों से मिलने के लिए आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन देहरादून पहुंची। रक्षा मंत्री के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत भी मौजूद रहे। शहीद सिद्धार्थ नेगी के घर सांत्वना देने के लिए रक्षा मंत्री देहरादून पहुंची। इस दौरान शहीद पायलट के आवास पर मीडिया की एंट्री बैन रही। बता दें कि बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड हवाई अड्डे पर भारतीय वायुसेना का मिराज 2000 प्रशिक्षक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। जिसमें दो पायलट शहीद हो गए थे। इनमें से एक पायलट सिद्धार्थ नेगी देहरादून के वसंत विहार का रहने वाला था। वहीं शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी का अस्थि कलश सोमवार को देर अपराह्न में बंगलूरू से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा।

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने शहीद सिद्धार्थ नेगी अमर रहे के नारे बुलंद किए। एयरपोर्ट से परिजन अस्थि कलश लेकर हरिद्वार रवाना हो गए। सोमवार को बंगलूरू से देहरादून आने वाली फ्लाइट से शहीद सिद्धार्थ नेगी की अस्थियों का कलश परिजन लेकर पहुंचे। दोपहर से ही शहीद सिद्धार्थ के रिश्तेदार, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी का स्टाफ व विद्यार्थी और स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचने लगे थे। बंगलूरू से दो घंटे विलंब से पहुंची फ्लाइट से शहीद का अस्थि कलश आया। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून के एनसीसी यूनिट के कैडेटों ने शहीद सिद्धार्थ नेगी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सिद्धार्थ नेगी अमर रहे के नारे लगाए। स्थानीय लोगों ने भी शहीद के अस्थि कलश पर फूलमालाएं और पुष्पवर्षा की।

भारी संख्या में लोग गंगा में अस्थि प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार रवाना हुए। श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के जनसंपर्क अधिकारी संदीप सिंह, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर संजय जसोला, राखी घनसोला, सुभाष गुप्ता, डीसी पांडे, अनिल चौहान, गुुरुद्वारा डोईवाला के प्रधान गुरदीप सिंह, हरपाल सिंह सैनी, इंद्रजीत सिंह, भाजपा डोईवाला विधानसभा प्रभारी नरेंद्र नेगी, ललित पंत आदि तमाम लोग मौजूद रहे थे। अस्थियां सोमवार की देर शाम कनखल स्थित सती घाट पर गंगा में प्रवाहित की गई। अस्थियों को सिद्धार्थ के पिता बलवीर सिंह नेगी ने विधि विधान से विसर्जित किया।

इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया और सती घाट सिद्धार्थ नेगी अमर रहे के नारों से गूंज उठा। सिद्धार्थ के पिता बलवीर सिंह नेगी कनखल में लंबे समय तक थानाध्यक्ष रहे। इसके अलावा भी वे जिले में कई स्थानों पर तैनात रहे। वे 2012 में पुलिस से सेवानिवृत्त होकर 2013 में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए। बीएस नेगी के बेटे सिद्धार्थ का बचपन के कुछ दिन कनखल हरिद्वार में बीते। बंगलूरू से सिद्धार्थ का अस्थि कलश उनके पिता और अन्य परिजन व सिद्धार्थ की पत्नी ध्रुविका राज हवाई जहाज से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लेकर पहुंचे। उनका अस्थि कलश हरिद्वार के शांतिकुंज पहुंचा। जहां उनका अस्थि कलश श्रद्धांजलि के लिए रखा गया।

इस दौरान लोंगों ने सिद्धार्थ के अस्थि कलश पर पुुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने सिद्धार्थ नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ देवभूमि उत्तराखंड के गौरव थे। उत्तराखंड की जनता को उनपर फर्क है। कहा, देवभूमि वीरों की भूमि है। राज्य के वीर सपूतों ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। सिद्धार्थ के अस्थि विसर्जन के कर्मकांड का कार्य उनके तीर्थ पुरोहित पंडित प्रतीक कौशिक ने संपन्न करवाया। इस दौरान सिद्धार्थ के ताऊ राजेन्द्र सिंह नेगी, चाचा सते सिंह नेगी, ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ संजय जसोला, रजिस्ट्रार डीपी थपलियाल, निदेशक डॉ सुभाष गुप्ता, प्रशासनिक अधिकारी वीके चंद्रा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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