
लुसैल स्टेडियम, क़तर : लियोनेल मेसी फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप के क़रीब पहुंचे. थोड़ा झुके और बहुत अहिस्ता से ट्रॉफ़ी को चूम लिया.
और जब वर्ल्ड कप हाथ में आया तो बोले, “मैं इसे बहुत शिद्दत से चाहता था. मुझे लग रहा था कि गॉड मुझे ये देंगे. ये मेरा लम्हा है.”
क़तर के लुसैल स्टेडियम में रविवार को जो कहानी लिखी गई, वो किसी ‘परी कथा’ जैसी मालूम होती है. लेकिन सिर्फ़ मेसी के लिए नहीं.
दिल में कोई मुराद लिए इस कहानी के प्लॉट में दाख़िल हुए हर किरदार के हिस्से कामयाबी, शोहरत और ख़ुशियां आईं. किसी के हिस्से थोड़ी ज़्यादा तो किसी के हिस्से थोड़ी कम.
लेकिन झोली शायद ही किसी की खाली रही. इनमें टीमों के समर्थक और फ़ाइनल खेल रही अर्जेंटीना और फ़्रांस की टीमों से तटस्थ फ़ुटबॉल का मज़ा लेने वाले फ़ैन्स भी शामिल हैं.
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