
कोलंबो। रेटिंग एजेंसी फिच ने श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर ‘सीसी’ करते हुए कहा है कि इसकी बिगड़ती बाह्य तरलता स्थिति की वजह से आने वाले महीनों में चूक की आशंका बढ़ सकती है। फिच रेटिंग्स ने कहा है कि श्रीलंका की सरकार के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने से आने वाले साल में बाह्य ऋण देनदारियों को पूरा कर पाना खासा मुश्किल होगा।
यह सिलसिला वर्ष 2023 तक भी जारी रह सकता है। फिच ने अपने एक बयान में कहा, ”श्रीलंका सरकार को जनवरी 2022 में 50 करोड़ डॉलर के अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड का भुगतान करना है। उसके बाद जुलाई 2022 में भी उसे एक अरब डॉलर के एक अन्य अंतरराष्ट्रीय सॉवरेन बांड को चुकाना है।” उसका कहना है कि नए विदेशी वित्त स्रोत के अभाव में श्रीलंका के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा।
रेटिंग एजेंसी ने इन वजहों से श्रीलंका की सॉवरेन रेटिंग को ‘सीसीसी’ से घटाकर ‘सीसी’ कर दिया है। उसने कहा कि रेटिंग में आई यह गिरावट आने वाले महीनों में चूक की बढ़ी हुई आशंका को दर्शाती है। फिच ने कहा कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार भी बहुत तेजी से घटा है जो आयात व्यय बढ़ने और श्रीलंकाई केंद्रीय बैंक के विदेशी मुद्रा संबंधी हस्तक्षेप का मिश्रित परिणाम है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के बाद से ही दो अरब डॉलर कम हो चुका है।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat