नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का पैसा घाटे वाली कंपनियों में लगाकर देश के आम लोगों के भरोसे को चकनाचूर कर रही है. उन्होंने ट्वीट किया, “भारत में एलआईसी भरोसे का दूसरा नाम है. आम लोग अपनी मेहनत की कमाई भविष्य की सुरक्षा के लिए एलआईसी में लगाते हैं, लेकिन भाजपा सरकार उनके भरोसे को चकनाचूर करते हुए एलआईसी का पैसा घाटे वाली कम्पनियों में लगा रही है. ” उन्होंने सवाल किया, ”ये कैसी नीति है जो केवल नुकसान नीति बन गई है?” प्रियंका ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसके मुताबिक शेयर बाजार में बिकवाली का असर कई कंपनियों पर भी पड़ रहा है और बीते ढाई महीने में एलआईसी को शेयर बाजार में निवेश से करीब 57,000 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है.
दरअसल, एलआईसी ने जिन कंपनियों में निवेश किया था, उन कंपनियों की बाजार पूंजी में काफी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं कांग्रेस की ओर से जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की जोखिम भरी इकाइयों में पैसे लगवाकर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बलि चढ़ाने में लगी हुई है. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘2014 तक सार्वजनिक क्षेत्र की जोखिम भरी इकाइयों में एलआईसी का निवेश 11.94 लाख करोड़ रुपये था,
लेकिन मोदी सरकार आने के बाद पिछले पांच सालों में यह बढ़कर 22.64 लाख करोड़ रुपये हो गया.” उन्होंने दावा किया, ‘‘1956 से 2014 के बीच एलआईसी ने जितना निवेश जोखिम भरी इकाइयों में किया था उससे दोगुना निवेश मोदी सरकार के पांच वर्षों में ही हो गया.” माकन ने आरोप लगाया, ‘‘हम सब लोगों में शायद कोई भी ऐसा व्यक्ति या परिवार नहीं होगा जो भारतीय जीवन बीमा निगम से संबंधित ना हो. किसी ना किसी तरीके से हर परिवार के अंदर कोई ना कोई व्यक्ति पॉलिसी धारक है. अगर भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे संस्थान खराब अर्थव्यवस्था की बलि चढ़ने लग जाएं, तो आप समझ सकते हैं कि पूरे देश के अंदर जो गरीब लोग है, मध्यमवर्गीय लोग हैं, उनकी क्या हालत होगी.” उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि देश में परिवारों पर कर्ज बढ़कर दोगुना हो गया है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है.
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