
अशाेक यादव, लखनऊ। दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने का अपना फैसला बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार ने पहले प्राइवेट अस्पतालों में जो 80% कोविड ICU बेड रिजर्व किए थे, उस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने के लिए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की है।
जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 110 आईसीयू बेड्स सहित कुल 500 और प्राइवेट अस्पतालों में 685 कोविड बेड बढ़ाए गए हैं। जल्द ही और बेड्स भी बढ़ाए जाएंगे।
जैन ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अब भी आईसीयू बेड उपलब्ध हैं, लेकिन चूंकि संपन्न लोग सरकारी अस्पतालों से अधिक प्राइवेट अस्पताल पसंद करते हैं, इसलिए प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड्स मिलने में उन्हें परेशानी हो रही है।
राजधानी में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या पर स्वास्थ्य मंत्री कि शुक्रवार को दिल्ली में 7000 से अधिक मामले सामने आए थे, जिसे तीसरी लहर कहा जा सकता है, मुझे लगता है कि अब आने वाले दिनों में मामलों की संख्या घट जाएगी।
दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 7,178 नए मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 64 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। इसके साथ ही दिल्ली में अब कोरोना का कुल आंकड़ा सवा चार लाख के करीब पहुंच गया है। हालांकि, इनमें से 3.77 लाख से अधिक मरीज अब तक ठीक भी हो चुके हैं।
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