
अशोक यादव, लखनऊ। केन्द्र सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हो रही हिंसा लेकर एक अध्यादेश लाई है।
अध्यादेश के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।
अध्यादेश के जारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया।
‘महामारी संशोधन अध्यादेश 2020 अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बचाने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता की झलक दिखाती है।
ये हमारे सभी पेशेवर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं हो सकता।
बता दें कि सरकार की तरफ से स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए लाए गए.
अध्यादेश के तहत अगर इस मामले में किसी को दोषी पाया गया तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।
प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कैबिनेट ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ऑर्डिनेंस जारी करने का फैसला किया है.
एपिडेमिक डिसिजेज एक्ट 1897 में अमेंडमेंट को कैबिनेट ने अप्रूव किया है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा करना संज्ञेय और गैरजमानती अधराध की श्रेणी आएगा।
इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है.
जबकि 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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