
अशाेेेक यादव, लखनऊ। मीडिया में आ रही खबर यदि सच हुई तो आने वाले समय में दो से अधिक बच्चों वाले माता-पिता के लिए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने के रास्ते बंद होने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनावों को लेकर योगी सरकार बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है।
प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या पर राजनीतिक ब्रेक लगाने के लिए योगी सरकार यह कदम उठाने की तैयारी में है। योगी सरकार पंचायतीराज एक्ट में संशोधन के लिए प्रस्ताव लाने जा रही है। अगले सत्र में पंचायतीराज संशोधन कानून सदन में पेश किया जा सकता है।
इस कानून की सबसे बड़ी बात यह होगी कि इसमें दो से अधिक औलाद वालों को उम्मीदवारी के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा। उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी।सूत्रों के अनुसार नए कानून में महिला और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों लिए न्यूनतम 8वीं पास होना जरूरी होगा।
जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए 12वीं तक की डिग्री अनिवार्य होगी। जिला पंचायत के लिए महिला व आरक्षित वर्ग को 10वीं पास होना जरूरी होगा। क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए भी कम से कम 10वीं पास होना अनिवार्य होगा।
बता दें कि प्रदेश में पंचायत चुनाव फिलहाल टाल दिए गए हैं। कोरोना महामारी के चलते दिसंबर 2020 में प्रस्तावित पंचायत चुनाव अब अप्रैल 2021 में कराए जा सकते हैं। हाल ही उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने विस्तृत मतदाता सूची पुनर्निरीक्षण आदेश जारी करने के कुछ ही घण्टे बाद अपना आदेश वापस ले लिया था।
तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार पंचायत चुनावों में विलंब हो सकता है। सूत्रों के योगी सरकार का प्रयास है कि इस बार पंचायत चुनावों से पहले यह विधेयक विधानसभा में पास कराकर इसे इस बार से ही लागू कर दिया जाए।
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