नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल को लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बड़ा बयान दिया है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा है कि पेट्रोल-डीजल पहले से ही ळैज् के दायरे में हैं, बस इसकी दरें तय करना बाकी है और यह काम जीएसटी काउंसिल को करना है। बुधवार को संसद में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि केंद्रीय गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के सेक्शन 9(2) के अनुसार सभी पेट्रोल-डीजल समेत ट्रोलियम पदार्थ जीएसटी के दायरे में हैं लेकिन इसको लागू करने के लिए जीएसटी काउंसिल की सिफारिश जरूरी है। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर देते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों को बेंचमार्क माना गया है।
यानी देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर की कीमतों के अनुसार होती हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय कीमतों में होने वाले बदलाव के अनुसार ही इनमें बदलाव किया जाता है। पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि संविधान का आर्टिकल 279। (5) जीएसटी काउंसिल को किसी भी वस्तु को इसके दायरे में लाने की ताकत देता है। इस आर्टिकल के अनुसार, केवल काउंसिल ही पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लगाने की सिफारिश कर सकती हैं। इसमें पेट्रोल-डीजल के अलावा हाई स्पीड डीजल, मोटर स्प्रिट, नेचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल शामिल हैं। जीएसटी के अनुसार, पेट्रोल-डीजल पहले से ही जीएसटी के दायरे में हैं। बस जीएसटी काउंसिल को इस पर दरें लागू करने की सिफारिश करना बाकी है।
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