अशाेक यादव, लखनऊ। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए चक्रानुक्रम आरक्षण वाली नियमावली में 11वें संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर पंचायती राज विभाग ने कहा किया, इस बार पंचायत चुनावों में रोटेशन लागू किया जाएगा।
इसके लिए पिछले पांच चुनावों का रिकॉर्ड देखा जाएगा।
लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में ACS मनोज कुमार ने कहा कि, जिला पंचायतों में 3051 वार्ड बनाए गए हैं।
इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण नहीं होगा।
ACS मनोज कुमार ने बताया कि एससी, ओबीसी और महिला के क्रम में गांव का आरक्षण होगा।
उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि, जो पद पहले आरक्षित नहीं था, उन्हें वरीयता दी जाएगी।
इसके लिए 20 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा 2 से 8 मार्च तक आपत्ति दे सकेंगे।
पंचायतों में आरक्षण चक्रानुक्रम रीति से ही होगा लेकिन जहां तक हो सके, पूर्ववर्ती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जनजातियों को आवंटित नहीं की जाएगी और अनुसूचित जातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जातियों को आवंटित नहीं की जाएंगी।
इसी तरह पिछड़े वर्गों को आवंटित जिला पंचायतें पिछड़े वर्गों को आवंटित नहीं की जाएंगी।
बता दें कि इस नियमावली के आधार पर ही अगले एक माह में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों का आरक्षण निर्धारण होगा। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी करके 30 अप्रैल तक पंचायतों के चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में अप्रैल माह में 58194 ग्राम पंचायतों, 731813 ग्राम पंचायत सदस्यों, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्यों, 3051 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा।
इसके बाद 826 ब्लाक प्रमुखों व 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन होगा।
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