
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निजी लैब से कोरोना जांच कराने वाले मरीजों को राहत मिली है। सरकार ने निजी लैबों में कोरोना जांच के लिए ली जाने वाली फीस को कम कर दिया है।
अब मरीजों को जांच के लिए 16 सौ रुपये देना होगा।
पहले इसके लिए 2500 रुपए फीस देनी पड़ती थी।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।
इनमें कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से अनुमति प्राप्त निजी लैब पहली जांच के लिए अधिकतम 1600 रुपये ले सकती हैं। आईसीएमआर ने पहली जांच के लिए अधिकतम 1,500 रूपये और दूसरी जांच के लिए अधिकतम 3,000 रुपये की दर तय की है। लेकिन यह जांच केवल वे निजी प्रयोगशालाएं ही कर सकेंगी जिनका आईसीएमआर ने कोविड-19 के परीक्षण के लिए अनुमोदन किया है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि प्राइवेट लैबों में अगर 1600 रुपए से अधिक वसूले जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
देश में बेकाबू कोरोना: 24 घंटों में मिले 96 हजार से ज्यादा नए केस, 1209 की मौत
गौरतलब है कि यूपी में लगातार प्राइवेट लैब में जांच फीस को कम करने की मांग की जा रही थी।
जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
यूपी सरकार के निर्देश के मुताबिक, अगर पहली जांच में संक्रमण का पता चलता है और पुष्टि के लिए दूसरी जांच की जरूरत पड़ती है तो उसे दोनों जांच के लिए अधिकतम 4,500 रुपये खर्च करने होंगे।
देश में कोरोना के टेस्ट की रफ्तार बढ़ी है।
अब रोजाना 35000 टेस्ट हो रहे हैं।
बुधवार तक देशभर में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं।
पिछले एक महीने में देश में टेस्ट की रफ्तार 33 गुना बढ़ी है।
23 मार्च तक 14,915 नमूनों का परीक्षण किया गया था।
22 अप्रैल को यह संख्या 5 लाख के पार पहुंच गई।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat