
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह फेसबुक और व्हाट्सएप की याचिका पर 27 अगस्त को सुनवाई करेगा जिन्होंने सोशल मीडिया मध्यवर्तियों के लिए नये आईटी नियमों को चुनौती दी है। इन नियमों के तहत ऐप को संदेश का ”पता” लगाना और सूचना के स्रोत की पहचान करना जरूरी है। इसे निजता के अधिकार के उल्लंघन और इन नियमों को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले पर सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की। केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह कुछ परेशानी में हैं और उन्होंने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इसके बाद पीठ ने इन याचिकों को 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
व्हाट्सएप और फेसबुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने उनके आग्रह का विरोध नहीं किया। नये सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 की घोषणा 25 फरवरी को सरकार ने की थी और इसमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों के लिए 25 मई तक नियमों का अनुपालन करना जरूरी था।
व्हाट्सएप ने केंद्र सरकार को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के माध्यम से याचिका में पक्षकार बनाया है और कहा है कि स्रोत का पता लगाना असंवैधानिक है और निजता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है।
सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबक भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़ उपयोगकर्ता, यू-ट्यूब के 44.8 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के 1.75 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। नये नियम सोशल मीडिया मंचों को विषय वस्तु के प्रति ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए बनाए गए हैं।
 Suryoday Bharat Suryoday Bharat
Suryoday Bharat Suryoday Bharat
				 
						
					 
						
					 
						
					