नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कॉलेज में दाखिले के समय अगर आरक्षित श्रेणी से आने वाला छात्र/छात्रा अपनी प्रतिभा के दम पर मेरिट में आते हैं तो उनका दाखिला सामान्य श्रेणी में किया जाएगा। इतना ही नहीं अगर मेरिट में आने वाला छात्र आरक्षित श्रेणी में ही दाखिला कराने का दावा करता है तो भी उसका दाखिला सामान्य श्रेणी में ही होगा। इन परिस्थितियों में उस छात्र की आरक्षित सीट अन्य आरक्षित छात्र को ही दी जाएगी न कि सामान्य वर्ग के छात्र को दी जाएगी। गुरुवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम. शांतानागौदर की बेंच ने पटना हाई कोर्ट के इस फैसले पर मुहर लगाई।
इतना ही नहीं कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता की उस अपनी को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सामान्य सीटें केवल सामान्य वर्ग के लोगों के लिए ही रखी जाएं। याचिकाकर्ता का कहना था कि अगर आरक्षित वर्ग के लोगों को सामान्य वर्ग की सीटें दी जाएंगी तो उन लोगों के लिए सीटें कम पड़ जाएंगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि किसी भी कॉलेज में कोटा वाले उम्मीदवार अपनी प्रतिभा से मेरिट में आते हैं तो उनका दाखिला सामान्य वर्ग की सीट पर ही होगा।
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