
दक्षिण अफ्रीका में भारतवंशी स्वतंत्रता सेनानियों शिरीष नानाभाई, रेगी वंदेयर और इंद्रेश नायडू की याद में स्मारक बनाया गया है। रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने वाले वंदेयर का 84 साल की उम्र में 2015 में निधन हो गया जबकि नानाभाई और नायडू का क्रमश: 78 और 80 साल की उम्र में 2016 में निधन हुआ।
गैर सरकारी संगठन अहमद कठराडा फाउंडेशन ने वेस्टपार्क में दक्षिण अफ्रीका के क्रांतिकारी नेता लालू ‘इसू’ चीबा के समाधि स्थल पर तीनों नेताओं की याद में स्मारक बनाया है। रंगभेद के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण चारों नेताओं को 1961 में गिरफ्तारी के बाद रोबेन जेल में एक दशक तक रहना पड़ा था।
एकेएफ बोर्ड के सदस्य इस्माईल वादी ने बताया कि जिन लोगों को याद किया जा रहा है वे बेहद साधारण लोग थे और वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर अभियान में शामिल हुए थे तथा सबके लिए प्रेरणास्रोत बन गए।
वादी ने कहा, ”रेगी वेटर थे, शिरीष एक स्टोर में काम करते थे और इंद्रेश सामान्य कामकाजी व्यक्ति थे लेकिन उन्होंने रंगभेद के खिलाफ अभियान को आगे बढ़ाया और अपने समय में महत्वपूर्ण कार्यकर्ता बन गए।” तीनों स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों ने लोकतंत्र के लिए उनके योगदान से जुड़ी यादें साझा कीं।
स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए दक्षिण अफ्रीका नेशनल डिफेंस फोर्स के पूर्व जनरल शिफिवी न्यंडा ने कहा, ”उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद आज भी हम उनसे प्रेरणा ले सकते हैं। वे हमारे लिए पथप्रदर्शक की तरह हैं।”
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