
कोविड-19 के बढ़ते प्रसार को देखते हुए शरीर में रोगों से लड़ने के लिए नियमित व्यायाम, अनुशासित दिनचर्या और प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाना वर्तमान समय में अत्यंत आवश्यक है।
आजकल प्रत्येक व्यक्ति को रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। विशेष रुप से चिकित्सालय में कार्य कर रहे प्रथम पंक्ति के चिकित्सा कर्मियों को अपनी इम्युनिटी बढ़ाना स्वयं की रक्षा के लिए सर्वाधिक आवश्यक है।
प्राकृतिक औषधियों एवं मसालों का उपयोग भी इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है। तुलसी इसमें प्रमुख है। तुलसी को प्राकृतिक औषधियों की मां कहा जाता है।
तुलसी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, एनाल्जेसिक के साथ ही अनेक गुणों से युक्त है। वही हल्दी भी एंटीवायरल और एंटीबायोटिक का विशेष गुण रखती है इसलिए इस काल में सभी को हल्दी युक्त दूध पीने की सलाह दी जा रही है।
लहसुन भी नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर है, मैक्रोफेज, लिम्फोसाइट्स, नेचुरल किलर सेल्स, डेंड्रिटिक सेल, एसीनोफिल को उत्तेजित कर इम्युनिटी को बढ़ाता है।
यह इम्यून सिस्टम के होमेओस्टेटिस को नियंत्रित करता है साथ ही अदरक में टेरपीन्स, जिनजिरोल , ओलॉरेसिन होता है जो खांसी जुकाम को दूर करता है, इम्युनिटी बढ़ाता है साथ ही एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल का भी कार्य करता है।
विटामिन डी की कमी भी कोरोना को बढ़ाती है। उन्होंने लोगो को धूप में रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कॉपर पर चार से आठ घंटे, कार्ड बोर्ड पर और कपड़े पर 24 घंटे, स्टील और प्लास्टिक पर दो से तीन दिनों तक रह सकता है।
इसलिए किसी भी सार्वजनिक वस्तु को बहुत ही सावधानी के साथ छूना चाहिए। सीधे संपर्क में आने वाले चिकित्सा कर्मियों के लिए नैनो टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर एंटीवायरल औषधियों के लेप वाली मास्क बनाया जाना चाहिए।
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