
पणजी। गोवा की सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को बलात्कार के मामले में शुक्रवार को बरी कर दिया। तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक ‘लग्जरी होटल’ की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। अदालत पहले तीन बार कई कारणों का हवाला देते हुए फैसले को स्थगित कर चुकी है।
इससे पहले अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था। 12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था और फिर 19 मई को फैसला 21 मई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
गोवा पुलिस ने नवम्बर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। गोवा अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।
उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 376 की उपधारा दो (फ) (पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ महिला से बलात्कार) और 376 (2) (क) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।
तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
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