नई दिल्ली : सरकार ने 3547 करोड़ रुपये की लागत से असॉल्ट राइफलों और कार्बाइन की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, ताकि सीमा पर तैनात सैनिकों की तात्कालिक जरूरत की ‘त्वरित आधार’ पर पूर्ति की जा सके. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाले रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 72000 असॉल्ट राइफल और 93 हजार 895 कार्बाइन की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
डीएसी ने प्रक्रिया को सरल भी बनाया है ताकि इसे उद्योग के अनुकूल बनाया जा सके और इसपर सरकार का कम से कम नियंत्रण हो. संशोधित प्रक्रिया से अब रक्षा मंत्रालय को उद्योग से प्रस्तावों को स्वत: स्वीकार करने की अनुमति होगी और स्टार्ट अप को भारतीय सशस्त्र बलों के लिये उपकरण विकसित करने की अनुमति होगी.
मेक टू परियोजनाओं के लिये न्यूनतम योग्यता के मानदंडों में भी ढील दी गई है. इसमें क्रेडिट रेटिंग से संबंधित शर्तों को हटा दिया गया है और शुद्ध संपत्ति के मापदंड को घटाया गया है. पूर्ववर्ती मेक टू प्रक्रिया के अनुसार सिर्फ दो विक्रेताओं को प्रोटोटाइप उपकरण विकसित करने के लिये शॉर्टलिस्ट किया गया था.
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