वॉशिंगटन। आतंकी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर पाकिस्तान भले ही अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा हो लेकिन अमेरिका को उस पर विश्वास नहीं है. ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर शक जताया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पहले भी इस तरह की गिरफ्तारियों से न हाफिस सईद और न उसके संगठन लश्करे-तैयबा पर कोई असर पड़ा है. एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने यह पहले भी देखा है. हम ठोस कदम उठाए जाने की ओर देख रहे हैं न कि एक ‘छलावा’. आपको बता दें कि अमेरिकी अधिकारी का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के कुछ दिन पहले आया है.
आपको बता दें कि साल 2001 में भारत की संसद में हमला करने के बाद से हाफिज सईद को अब तक 7 बार गिरफ्तार किया जा चुका है. अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा कि हमें इस बात की दुविधा नहीं है कि पाकिस्तान सैन्य खुफिया एजेंसियां इन आतंकी समूहों की मदद करती हैं. इसलिए हम ठोस कदम का इंतजार कर रहे हैं. नाम न बताने की शर्त पर उस अधिकारी ने आगे कहा कि हमने देखा है कि पाकिस्तान ने कुछ आतंकी समूहों की संपत्तियां जब्त की हैं और यह भी सही है कि हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया है जो 2008 में मुंबई में हुए हमले का आरोपी है.
लेकिन उसकी गिरफ्तारी 7 बार हो चुकी है और फिर बाद में छोड़ दिया गया. इसलिए हमारा रुख उसकी गिरफ्तारी को लेकर बिलकुल साफ है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड एवं प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में बुधवार को गिरफ्तार किया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका की पहली यात्रा से कुछ दिन पहले यह कार्रवाई की गई है. सीटीडी के एक अधिकारी ने बताया कि सईद आतंकवाद वित्तपोषण को लेकर उसके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिये लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अमेरिका के सईद की गिरफ्तारी पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की है.
Suryoday Bharat Suryoday Bharat