
लखनऊ: जी20 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इससे लड़ने के लिए विश्व की अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर खर्च करने का 26 मार्च को ऐलान किया।
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरे विश्व को अपने चपेट में ले चुका है। इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की दहलीज पर पहुंच गई है।
इसी के मद्देनजर सऊदी अरब के सुल्तान किंग सलमान की अध्यक्षता में जी20 देशों की आपातकालीन बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 देशों के नेताओं से अपील की है कि सभी देश मिलकर वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई लड़ें। गुरुवार को जी20 देशों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि यह वक्त इस बात की चर्चा करने का नहीं है कि कोविड-19 का जन्म कहां हुआ।
इस वक्त मौजूदा संकट से निपटने के उपायों पर बात होनी चाहिए। वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोष देने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। पीएम ने जी20 के सदस्य देशों से कहा कि हमें दुनिया के हालात सुधारने के लिए आर्थिक पहलुओं पर बात करने के बजाय मानव कल्याण को लेकर काम करना चाहिए
पीएम ने आगे कहा कि जी 20 देशों को मानव जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इसके लिए योजनाएं बनानी चाहिए।उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की कठिनाइयां दूर करने के लिए हमें काम करना होगा। साथ ही डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाओं को और भी मजबूत बनाना होगा।
पीएम ने कहा कि जी20 में हम ज्यादातर आर्थिक मुद्दों पर बात करते रहे हैं। जबकि हमारे सामने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसे कई वैश्विक मुद्दे हैं जिन्हें हमें संभालना चाहिए। कोविड-19 ने हमें वैश्विक स्तर पर समस्याओं के बारे में सोचने का मौका दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जी -20 को आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, विशेष रूप से गरीब देशों पर ध्यान देना चाहिए। कोविड-19 के संक्रमण के चलते 22,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और वैश्विक स्तर पर 470,000 से अधिक संक्रमित हैं।
प्रधानमंत्री ने सामूहिक रूप से संपूर्ण मानव जाति के लिए एक नए वैश्वीकरण की शुरुआत करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि चिकित्सा अनुसंधान स्वतंत्र रूप से सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रभावी टीकों के विकास के लिए डब्ल्यूएचओ को सशक्त बनाना जरूरी है।
जी20 के नेताओं ने कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदम की सराहना की। साथ ही कहा कि भारत ने कोरोना की रोकथाम में ना केवल अपने देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अहम भूमिका निभाई है।
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