नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर परिषद यानी जीएसटी काउंसिल की आज शनिवार को 31वीं बैठक हो रही है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार कई वस्तुओं पर से टैक्स कम करने का फैसला ले सकती है. बताया जा रहा है कि जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ वस्तुओं के जीएसटी के स्लैब में भी बदलाव हो सकते हैं. दरअसल, इसका संकेत खुद पीएम मोदी दे चुके हैं कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को और ज्यादा सरल बनाए जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार चाहती है कि 99 प्रतिशत सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत के कर स्लैब में रहें. हालांकि, आज हो रही इस बैठक में अरुण जेटली समेत कई सदस्य मौजूत हैं.
यह भी बताया जा रहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद वाहनों के टायरों पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर सकती है. यह कदम सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब को तर्कसंगत बनाने के लिए उठाया जा सकता है. 22 दिसंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में मुख्य ध्यान आम आदमी पर जीएसटी का बोझ कम करने पर होगा.’ फिलहाल 28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में 34 वस्तुएं हैं. इनमें वाहन टायर, डिजिटल कैमरा, एयर कंडीशनर, डिश वॉशिंग मशीन, सेट टॉपबॉक्स, मॉनिटर और प्रोजेक्टर के अलावा कुछ निर्माण उत्पाद मसलन सीमेंट शामिल हैं. एक अधिकारी ने कहा कि सीमेंट पर कर की दर को घटाकर 18 प्रतिशत करने से सरकार पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ेगा, इसके बावजूद परिषद यह कदम उठा सकती है।
जो उत्पाद 28 प्रतिशत कर स्लैब में कायम रखे जाएंगे उनमें शीतल पेय, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू उत्पाद, पान मसाला, धूम्रपान पाइप, वाहन, विमान, याट, रिवाल्वर और पिस्तौल तथा गैंबलिंग लॉटरी शामिल हैं. जीएसटी के पांच कर स्लैब शून्य, 8, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘आज, जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आयें.” उन्होंने संकेत दिया कि जीएसटी का 28 प्रतिशत कर स्लैब केवल लक्जरी उत्पादों जैसी चुनिंदा वस्तुओं के लिये होगा. मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी के उपयोग वाली सभी वस्तुओं समेत 99 प्रतिशत उत्पादों को जीएसटी के 18 प्रतिशत या उससे कम कर स्लैब में रखा जाये
Suryoday Bharat Suryoday Bharat