
नई दिल्ली। जिंदगी के कई रंग होते है। ठीक उसी तरह आंसू बहने के भी कई कारण होते है। जब कभी हम और आप भावुक होते हैं तो बरबस आंखों से आंसू टपकते है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि यह आंसू क्यों निकलता है? हाालंकि यह आंसू खुशी के भी होते है तो कभी गम के भी होते है। लेकिन इसके अलावा आंसू खास मौके पर भी अपने-आप गिरते है जब कोई खुशी या गम वाली स्थिति नहीं हो।
बता दें कि इन आंसू के पीछे भी विज्ञान है। जिसको जानना जरुरी है। यह अक्सर देखा गया है कि जब कभी किचन में प्याज काटे जाते है तो आंखों से आंसू उनके ही सिर्फ नहीं गिरते है बल्कि आसपास बैठे लोगों को भी आंखों को भींचते हुए देखा जा सकता है। ऐसे इन आंसुओं को नॉन-इमोशनल की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अलावा नॉन-इमोशनल आंसू की बात करें तो तेज गंध या फिनाइल से भी आंसू टपक पड़ते है।
लेकिन इससे इतर रियल आंसू गिरने की बात करें तो उसके पीछे के विज्ञान को समझना भी जरुरी है। हर इंसान के ब्रेन में हाइपोथैलेमस होता है जो नर्वस सिस्टम से जुड़ता है। इसका न्यूरोट्रांसमिटर तब संकेत करता है जब हम किसी दुःख या किसी खुशी के भावना से जुड़ते है। हालांकि कई मौके पर देखा गया है कि गुस्सा या डर में भी लोग रोते है। तो उसके पीछे भी यहीं न्यूरोट्रांसमिटर संकेत करता है। हालांकि यह सत्य है कि जब कभी बच्चे का जन्म होता है तो वो भी अपने जरुरत के लिये रोने से ही संकेत करता है।
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