बीजिंग: अमेरिका के बाद रक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने वाले चीन ने इस मद में भारी आवंटन का सोमवार को बचाव किया। साथ ही उसने इस वर्ष रक्षा बजट को और अधिक बढ़ाए जाने का इशारा किया और कहा कि उसने किसी अन्य देश के लिए कोई ‘खतरा’ उत्पन्न नहीं किया है। चीन ने पिछले साल अपने रक्षा बजट में 8.1 प्रतिशत तक का इजाफा किया था। इससे रक्षा क्षेत्र पर उसका व्यय बढ़कर 175 अरब डॉलर हो गया, जो भारत की तुलना में तीन गुना अधिक है।
वहीं उम्मीद है कि चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग मंगलवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के वार्षिक सत्र के दौरान अपने कामकाज के ब्योरे में सटीक आंकड़ों की घोषणा करेंगे। हालांकि एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में संकेत दिया कि चीन रक्षा पर भारी खर्च जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि देश के रक्षा व्यय में बढ़ोत्तरी कई अन्य ‘प्रमुख विकासशील देशों’ की तुलना में कम है। झांग ने कहा, ‘‘कोई देश किसी अन्य देश के लिए सैन्य खतरा है या नहीं, इसका आकलन रक्षा खर्च में बढ़ोत्तरी से नहीं बल्कि उसकी विदेश और राष्ट्रीय रक्षा नीति के आधार पर किया जाना चाहिए। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग मंगलवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के वार्षिक सत्र के दौरान अपने कामकाज के ब्योरे में सटीक आंकड़ों की घोषणा करेंगे।
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