
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में अधिकारियों ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के पॉजिटिव मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू लागू करते हुए सभी प्रमुख श्राइन, जामिया मस्जिदों और अन्य पूजा स्थलों में प्रार्थना पर फिर रोक लगा दी है। छोटी मस्जिदों में विशेष रूप से आंतरिक हिस्सों में शुक्रवार की नमाज अदा की गई और इस दौरान सामूहिक नमाज के दौरान लोग मास्क पहने और सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए देखे गए।
कश्मीर संभाग में गुरुवार को 466 कोरोना वायरस के नये मामले सामने आए और चार लोगों की मौत हुई है। पुराने टाउन शहर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद का मुख्य दरवाजा बंद रहा और रमजान के पवित्र महीने के बाद से पूजा स्थल में कोई नमाज अदा नहीं की गई, जबकि घाटी में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ने के बाद अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने नमाज पर रोक लगाने की घोषणा की।
उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की अध्यक्षता वाले एएजेएम ने कहा कि अगले आदेश तक मस्जिद में कोई नमाज नहीं होगी। वह केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त किए जाने से एक दिन पहले चार अगस्त 2019 से घर में नजरबंद है। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने अपने नियंत्रण वाले करीब 133 श्राइनों और अन्य पूजा स्थलों में शुक्रवार सहित सभी प्रार्थनाओं रोक लगाने घोषणा की है। इसलिए डल झील के किनारे स्थित असर-ए-शरीफ, हजरतबल में नमाज अदा की गयी।
वहां पैगंबर मुहम्मद के पवित्र अवशेष रखे हुए हैं। इसी तरह, श्रीनगर में हजरत महबूब-उल-आलम, हजरत सैयद साहिब, सोनावर, हजरत गौसल-उल-आजम और श्रीनगर में सराय बाला, खानखा मौला और अन्य श्राइनों में नमाज नहीं हुई। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले से मिली रिपोर्टों के अनुसार चरार-ए-शरी में हजरत शेख नूरुद्दीन वाली की दरगाह और अन्य पूजा स्थलों सहित मुख्य दरगाह में कोई नमाज अदा नहीं हुई। इसी तरह दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में मुख्य दरगाह और जामिया मस्जिदें बंद रहीं। श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में हालांकि स्थानीय मस्जिदों में जुमे की नमाज हुई।
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