
इटावा । ब्लॉक ताखा क्षेत्र की मामन हिम्मतपुर गौ वंश आश्रय स्थल (गौशाला) में व्यवस्था देखकर आंखे नम हो गई तथा अदम गोंडवी साहब का एक शेर याद आ गया। तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आंकड़े झूठे है ये दावा किताबी है। ताखा क्षेत्र में कई गौशालाओं का निर्माण तो कराया गया है मगर अभी संचालित दो ही हो पायीं है जिनमे समथर तथा मामन हिम्मतपुर आज मामन हिम्मतपुर गौशाला देखकर ऐसा लगा कि यहां ढेर सारी अव्यवस्थाओं में आखिर कैसे सुरक्षित रहेगा गौवंश। लोगों ने बताया कि यहां अभी एक दो दिन पहले एक गाय मर गयी थी जिसे दबवा दिया गया है। गौशाला में लगभग दो दर्जन गौवंश देखने को मिले उनके चारा की नांद बिल्कुल खाली पड़े थे तथा उसमें कबाड़ भरा था जिसमे डिब्बा कपड़ा आदि समान भरा पड़ा था।
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गौशाला में अव्यवस्था के संबंध में जब ग्राम प्रधान का नम्बर लगाया तो किसी पुरुष ने उठाया और बताया कि वे ग्राम प्रधान के पति बोल रहे है उन्होंने बताया कि अभी गाये आई है अब धीरे धीरे व्यवस्था की जा रही है जब गौवंश भूखे होने पर सवाल किया तो बोले कि भूसा रखा है वह थोड़ा थोड़ा खिलाया जा रहा है। किसी गौवंश के मरने की जानकारी चाही तो बताया कि पिछले दिनों एक गौवंश काफी कमजोर था जो मर गया था उसे मिट्टी में दबा दिया गया है। लोगो ने जिला प्रशासन से मांग की है कि गौशाला में पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाँय ताकि गौवंश भूख से ना विलख सके। समय समय पर निगरानी की जाय औचक निरीक्षण किया जाय। तभी गौवंश सुरक्षित रह सकेगा।
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