
लखनऊ। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखनऊ विमानतल पर उनके विमान को उतरने की अनुमति नहीं देने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है। साथ ही सवाल किया है कि क्या राज्य में नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद बघेल को सोमवार को लखीमपुर खीरी का दौरा करना था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ जा रहे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के सीएम को स्थानीय चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं दी।
इसपर बघेल ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लिखे गए पत्र को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि “उत्तर प्रदेश की सरकार मुझे राज्य में न आने देने का फरमान जारी कर रही है। क्या उत्तर प्रदेश में नागरिक अधिकार स्थगित कर दिए गए हैं? अगर धारा 144 लखीमपुर में है तो लखनऊ उतरने से क्यों रोक रही है तानाशाह सरकार?
मुख्यमंत्री ने सोमवार को संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि जिस प्रकार से देश में किसान आंदोलन चल रहा है और लखीमपुर में जिस प्रकार से किसानों का रौंदा गया है। यह उनकी (भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बगैर) मानसिकता है और वह बता रहे हैं कि हमारा विरोध करोगे, तब इसी प्रकार से कुचल देंगे और रौंद देंगे। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता देश के लिए खतरनाक है। मुख्यमंत्री ने कहा इससे पूरा देश आंदोलित हुआ है और सारे लोग लखीमपुर जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “कल रात की प्रियंका गांधी जी लखीमपुर के लिए निकल गई। उन्हें रोका गया। मेरा भी कार्यक्रम वहां का बना है। हमारा विमान भी आकर खड़ा हुआ है वहां जाने के लिए। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार (लखनऊ हवाईअड्डे पर) उतरने नहीं दे रही है। बघेल ने कहा कि धारा 144 तो लखीमपुर में लगी हुई है।
लखनऊ में क्यों नहीं उतरने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या उत्तर प्रदेश में नागरिकों के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं। क्या उत्तर प्रदेश में जाने के लिए अलग से वीजा लगेगा। यह बेहद दुर्भाग्यजनक है, यह नागरिकों के अधिकारों का सवाल है। क्या लोग वहां संवेदना व्यक्त करने नहीं जा सकते हैं। जानकारी लेने नहीं जा सकते हैं, आप रोक रहे हैं। बघेल ने आगे कहा कि वह अब दिल्ली के लिए रवाना होंगे और आगे की रणनीति (उत्तर प्रदेश जाने के लिए) वहां के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद तय की जाएगी।
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