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कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए राज्यों को सक्रियता से उठाने होंगे कदम: मोदी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आगाह किया कि ऐसा ही ”ट्रेंड” दूसरी लहर की शुरुआत में इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में देखा गया था। छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना की ताजा स्थिति पर संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थितियां नहीं सुधरी तो ”मुश्किल” हो सकती है। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को रोकने के लिए राज्यों को सक्रियता से कदम उठाने होंगे।

विशेषज्ञों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, ”लंबे समय तक लगातार मामले बढ़ने से कोरोना के वायरस में ‘म्यूटेशन’ की आशंका बढ़ जाती है और स्वरूप बदलने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जाना नितांत आवश्यक है।”उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि जिन राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उन्हें सक्रियता से काम काम करने की आवश्यकता है और इसके जरिए तीसरी लहर की किसी भी आशंका को रोकना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शुरुआत में विशेषज्ञ यह मान रहे थे कि जहां से दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी, वहां स्थिति पहले नियंत्रण में होगी। उन्होंने कहा, ”लेकिन महाराष्ट्र और केरल में मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। यह वाकई हम सबके लिए, देश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में यूरोप के देशों, अमेरिका, बांग्लादेश, म्यांमार और थाइलैंड में बहुत तेजी से मामले बढ़े हैं और यहां मामलों के ब़ने की दर आठ से 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ”यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।”

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वह लोगों से कहें कि कोरोना अभी गया नहीं है। उन्होंने कुछ राज्यों के पर्यटल स्थलों और बाजारों में हो रही भीड़ पर चिंता जताई और राज्यों को ऐसी स्थिति से बचने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जांच, संक्रमण का पता लगाना, उपचार करना और टीका लगाना राज्यों की रणनीति के केंद्र में होना चाहिए। उन्होंने कहा, ”हमें इसी पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना है।

छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्र पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। जिन जिलों में मामलों के बढ़ने की दर अधिक है वहां उतना ही ज्यादा फोकस भी होना चाहिए। इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख भाई मांडविया भी इस बैठक में उपस्थित थे। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद का सिलसिला आरंभ किया है। इस कड़ी में पिछले दिनों उन्होंने पूर्वो के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था।

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